Manu Smriti
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एतद्दण्डविधिं कुर्याद्धार्मिकः पृथिवीपतिः ।ग्रामजातिसमूहेषु समयव्यभिचारिणाम् ।।8/221

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
धर्मात्मा राजा ग्राम जाति व समूह में प्रतिज्ञा भंग कत्र्ताओं को इस उपरोक्त विधि से दण्ड का विधान करें।
Commentary by : पण्डित चन्द्रमणि विद्यालंकार
धार्मिक राजा विशेषतया उस उपर्युक्त जुर्माने सम्बन्धी दण्डविधान को, कृषकसंघों में जो कृषक प्रतिज्ञा को भंग करें, उन पर लागू करे। अर्थात्, प्रतिज्ञाभेदी बड़े-बड़े व्यापारियों को तो सामान्यतया राज्य से निकाल देने का ही दण्ड दे।
 
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