Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
साक्षी बिना जिसने थाती रखी है वह उस घनी से बिना साक्षी के ही थाती प्राप्त करेगा। क्योंकि जैसा देना वैसा ग्रहण (प्राप्त) करना।
Commentary by : पण्डित चन्द्रमणि विद्यालंकार
परन्तु यदि किसी ने एकान्त में धरोहर दिया हो, और लेने वाले ने भी उसे एकान्त में ही लिया हो, तो देते समय भी एकान्त में ही धरोहर देना चाहिए। क्योंकि जैसा देना, वैसा लेना, यह नियम है।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
जिसने एकान्त में दिया और एकान्त में लिया, उसको एकान्त में ही वापिस देना चाहिये। जैसा देना वैसा लेना।