Manu Smriti
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एषां अन्यतमे स्थाने यः साक्ष्यं अनृतं वदेत् ।तस्य दण्डविशेषांस्तु प्रवक्ष्याम्यनुपूर्वशः ।।8/119

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
इनके अतिरिक्त अन्य स्थानों में असत्य साक्षी देवे तो उसके हेतु विशेषदण्ड को क्रमानुसार कहेंगे।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
‘इनमें भिन्न स्थान में साक्षी झूठ बोले उसको वक्ष्यमाण अनेकविध दण्ड दिया करे ।’ (स० प्र० षष्ठ समु०)
Commentary by : पण्डित चन्द्रमणि विद्यालंकार
जो साक्षी इन में से किसी कारण से झूठी गवाही दे, उस के दण्डविशेषों को क्रमशः कहता हूं-
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
इनसे से जिस जिस कारण से गवाही झूठी दी जाय उसमे से किसके लिये दण्ड होना चाहिये यह क्रमपूर्वक आगे कहेगे ।
 
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