Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
स्त्री का नाम ऐसा रखना चाहिए कि जो मनोहर हो और कोमल, सरल, ¬ प्रिय, मंगल (आनन्द) और आर्शीवाद के अर्थ रखता हो और अन्त का वर्ण (अक्षर) दीर्घ हो।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
स्त्रीणाम् स्त्रियों का नाम सुखोद्यम् सुखपूर्वक उच्चारण किया जा सकने वाला अक्रूरम् कोमल अर्थ और वर्णों वाला विस्पष्टार्थम् स्पष्ट अर्थ वाला मनोहरम् मन को आकर्षक लगने वाला मंगल्यम् मंगल अर्थात् शुभ - भावयुक्त दीर्घवर्णान्तम् अन्त में दीर्घ अक्षर वाला, तथा आशीर्वाद, अभिधान वत् आशीर्वाद का वाचक होना चाहिए । जैसे - कल्याणी, वन्दना, विद्यावती, कमला, विमला सुषमा, सुशीला, भाग्यवती, सावित्री, यशोदा, प्रियंवदा आदि ।
टिप्पणी :
‘‘जो स्त्री हो तो एक, तीन वा पांच अक्षर का नाम रखे श्री, हृी, यशोदा, सुखदा, सौभाग्यप्रदा इत्यादि ।’’ (सं० वि० नामकरण सं०)
Commentary by : पण्डित चन्द्रमणि विद्यालंकार
कन्याओं का नाम सुख से उच्चारण करने योग्य, कोमल, स्पष्टार्थक, प्रीतिकारक, मंगलवाचक, दीर्घस्वरान्त और आशीर्वादात्मक शब्द से युक्त हो।