Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
जो साक्षी सत्य बोलता है वह जन्मान्तर में उत्तम जन्म और उत्तम लोकान्तरों में जन्म को प्राप्त होके सुख भोगता है इस जन्म वा परजन्म में उत्तम कीर्ति को प्राप्त होता है क्यों कि जो यह वाणी है वही वेदों में सत्कार और तिरस्कार का कारण लिखी है । जो सत्य बोलता है वह प्रतिष्ठित, और मिथ्यावादी निन्दित होता है ।
(स० प्र० षष्ठ समु०)
Commentary by : पण्डित चन्द्रमणि विद्यालंकार
‘‘देखो, जो साक्षी गवाही में सच बोलता है, वह परजन्म में उत्तम जन्म पाता है और इस जन्म में अतुल कीर्ति को पाता है। क्योंकि इस सत्यवाणी को वेदों ने सत्कार के योग्य बतलाया है।’’
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
(साक्षी ) गवाह (साक्ष्ये) गवाही मे (सत्यम व्रवुन) सच बोलता हुआ (पुष्कलान लोकान आपा्रेति ) उत्तम लोको को प्राप्त होता है (इह च ) और इस लोक में (उत्मा कीतिम) बडी कीति को । (एषा वाक) यह वाणी (ब्रहापूजिता ) ईश्वर से आदर की हुई है अर्थात ईश्वर सत्यवक्ता से प्रसन्न होता है ।