Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
जो मनुष्य सज्जनों की सभा में देखे व सुने के विपरीत साक्ष्य देता है वह आधाशिर किये हुए नरक में जाता है-उसे स्वर्ग प्राप्त नहीं होता।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
जो राजसभा वा किसी उत्तम पुरूषों की सभा में साक्षी देखने और सुनने से विरूद्ध बोले तो वह अवाड्नरक - अर्थात् जिह्वा के छेदन से दुःखरूप नरक को वर्तमान समय में प्राप्त होवे और मरे पश्चात् सुख से हीन हो जाये ।
(स० प्र० षष्ठ समु०)
Commentary by : पण्डित चन्द्रमणि विद्यालंकार
परन्तु जो साक्षी आर्यसभा में, देखने वे सुनने से विरुद्ध, झूठ बोलता है, वह जिह्वा के छेदन आदि महादुःखरूपी दण्ड को पाता है, और मृत्यु के पश्चात् परजन्म में भी सुख से वंचित रहता है।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
आर्य सभा में देखे और सुने के विपरीत साक्षी देने वाला घोर नरक को जाता है और मरकर सदगति को नही पाता ।