Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
स्त्रियों की भक्षिणी स्त्रियाँ द्विजों जो (अर्थात् ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य) के साक्षी द्विज, शूद्रों के शूद्र तथा चाण्डालों के साक्षी चाण्डाल हों।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
स्त्रियों की साक्षी स्त्री, द्विजों के द्विज शूद्रों के शूद्र अन्त्यजों के अन्त्यज साक्षी हों ।
(स० प्र० षष्ठ समु०)
Commentary by : पण्डित चन्द्रमणि विद्यालंकार
किंवा, स्त्रियों की स्त्रियें, द्विजों के समानवर्णस्थ द्विज, शूद्रों के भले शूद्र और अन्त्यजों के अन्त्यज साक्षी बनावे।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
स्त्रियों की साक्षी स्त्रियाॅ दे । द्विजो की समान पद वाले द्विज शूदा्रे की सदाचारी शूद्र चाण्डालो की चाण्डाल ।