Manu Smriti
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अवेदयानो नष्टस्य देशं कालं च तत्त्वतः ।वर्णं रूपं प्रमाणं च तत्समं दण्डं अर्हति ।।8/32

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
जब उपरोक्त वस्तु की संख्या, रूप, वर्ण, देश व काल सत्य सप्रणाम न बतलावें तो उस वस्तु के समान दण्ड पावे क्योंकि वह अपने असत्य दावे को प्रमाणित न कर सका।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
जो व्यक्ति नष्ट हुए या खोये हुए धन का स्थान, समय, रंग, स्वरूप और मात्रा सही - सही नहीं बतलाता अर्थात् जो झूठ ही उस धन को हड़पने की कोशिश करता है तो वह उस धन के बराबर दण्ड भुगतने का हकदार है अर्थात् उसे उतना ही दण्ड देना चाहिए ।
Commentary by : पण्डित चन्द्रमणि विद्यालंकार
परन्तु यदि वह उस गुम हुए धन का स्थान, समय, रंग, आकार और संख्या-नाप-तोल आदि प्रमाण को ठीक-ठीक नहीं बतला सकेगा, तो वह झूठा दावा करने वाला पुरुष, उसी धन जितने धन का जुर्माना भरने का अधिकारी होगा।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
खोई हुई चीज के स्थान समय वर्ण रूप प्रमाण आदि का न बताने वाला उतना दण्ड पावे जितने का वह दावा करता है।
 
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