Manu Smriti
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त्रयाणां अप्युपायानां पूर्वोक्तानां असंभवे ।तथा युध्येत संपन्नो विजयेत रिपून्यथा ।।7/200

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
जब साम, दाम, भेद से काम न चले तब ऐसी विधि से युद्ध करें कि जिसमें विजय अवश्यमेव प्राप्त हो।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
. पूर्वोक्त साम, दाम, भेद तीनों ही उपायों में से किसी से भी विजय की संभावना न रहने पर सब प्रकार से तैयारी करके इस प्रकार युद्ध करे जिससे कि शत्रुओं पर विजय कर सके ।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
पहले कहे हुए तीनो उपायों के असम्भव होने पर तो सम्पन्न होकर लडना और शत्रु को जीतना ही ठीक है ।
 
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