Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
जब साम, दाम, भेद से काम न चले तब ऐसी विधि से युद्ध करें कि जिसमें विजय अवश्यमेव प्राप्त हो।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
. पूर्वोक्त साम, दाम, भेद तीनों ही उपायों में से किसी से भी विजय की संभावना न रहने पर सब प्रकार से तैयारी करके इस प्रकार युद्ध करे जिससे कि शत्रुओं पर विजय कर सके ।