Manu Smriti
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यदा परबलानां तु गमनीयतमो भवेत् ।तदा तु संश्रयेत्क्षिप्रं धार्मिकं बलिनं नृपम् ।।7/174

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
जब जाने कि शत्रु से पराड मुख होंगे तब शीघ्रता में बलवान् धर्मात्मा राजा की शरण ग्रहण करें।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
जब आप समझ लेवे कि अब शीघ्र शत्रुओं की चढ़ाई मुझ पर होगी तभी किसी धार्मिक बलवान् राजा का आश्रय शीघ्र ले लेवे । (स० प्र० षष्ठ समु०)
Commentary by : पण्डित चन्द्रमणि विद्यालंकार
और, जब राजा यह देखे कि अब मुझ पर शीघ्र शत्रुओं की चढ़ाई होगी, तथा किसी तरह उस आक्रमण से बच न सकूंगा, तब शीघ्र ही किसी धार्मिक बलवान् राजा का आश्रय लेवे।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
जब शत्रु की सेना का बहुत बडा आक्रमण हो तो शीध्र धार्मिक बली राजा का आश्रय ले ।
 
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