Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
जब सेना, बल, वाहन से क्षीण हो जाये तब शत्रुओं को धीरे - धीरे प्रयत्न से शान्त करता हुआ अपने स्थान में बैठा रहे ।
(स० प्र० षष्ठ समु०)
Commentary by : पण्डित चन्द्रमणि विद्यालंकार
जब राजा हाथी-घोड़ा आदि वाहन और सैन्यबल से कमज़ोर हो, तब प्रयत्न से शत्रुओं को धीरे-धीरे शान्त करता हुआ चुपचाप बैठा रहे।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
और जब सवारी या सेना मे कम हो तब (आसीत प्रयत्नेन शनकैः सान्त्वयन अरीन) शत्रुओ को प्रयत्न से धीरे धीरे शान्त करता हुआ बैठा रहे।