Manu Smriti
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मौलाञ् शास्त्रविदः शूरांल्लब्धलक्षान्कुलोद्भवान् ।सचिवान्सप्त चाष्टौ वा प्रकुर्वीत परीक्षितान् ।।7/54

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
स्वराज्य - स्वदेश में उत्पन्न हुए वेदादि शास्त्रों के जानने वाले शूरवीर जिनके लक्ष्य और विचार निष्फल न हों, और कुलीन अच्छे प्रकार सुपरीक्षित सात वा आठ उत्तम, धार्मिक, चतुर मन्त्री करे । (स० प्र० षष्ठ समु०)
टिप्पणी :
‘‘और जो अपने राज्य में उत्पन्न, शास्त्रों के जानने हारे, शूरवीर, जिनका विचार निष्फल न होवे, कुलीन, धर्मात्मा, स्वराज्यभक्त हों, उन सात या आठ पुरूषों की अच्छी प्रकार परीक्षा करके मन्त्री करे; और इन्हीं की सभा में आठवां वा नववां राजा हो । ये सब मिलके कत्र्तव्याकत्र्तव्य कामों का विचार किया करें ।’’ (स० वि० गृहाश्रम प्र०) ‘‘अपने राज्य और देश में उत्पन्न हुए, वेद वा शास्त्रों के जानने वाले, शूरवीर, कवि, गृहस्थ, अनुभवकत्र्ता, सात अथवा आठ धार्मिक बुद्धिमान् मन्त्री राजा को रखने चाहिए ।’’ (पू० प्र० १११) ५५. क्यों कि विशेष सहाय के बिना जो सुगम कर्म है वह भी एक के करने में कठिन हो जाता है जब ऐसा है तो महान् राज्य कर्म एक से कैसे हो सकता है ? इसलिए एक को राजा और एक की बुद्धि पर राज्य के कार्य को निर्भर रखना बहुत ही बुरा काम है । (स० प्र० षष्ठ समु०) ‘‘क्यों कि सहायता बिना लिए साधारण काम भी एक को करना कठिन हो जाता है । फिर बड़े भारी राज्य का काम एक से कैसे हो सकता है ? इसलिए एक को राजा बनाना और उसी की बुद्धि पर सारे काम का बोझ रखना बुद्धिमत्ता नहीं है ।’’ (पू० प्र० १११)
Commentary by : पण्डित चन्द्रमणि विद्यालंकार
राजा को चाहिए कि वह स्वराज्य-स्वदेश में उत्पन्न, वेदादि शास्त्रों के जानने वाले, शूरवीर, तथा जिन का लक्ष्य अर्थात् विचार निष्फल न हो, ऐसे कुलीन धर्मात्मा स्वराज्य-भक्त सात व आठ मंत्रियों को भलीप्रकार परीक्षा करके नियुक्त करे।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
सत या आठ सचिव अर्थात् मंत्रियों को नियत करे। वे इस प्रकार के होः मौल अर्थात् पुश्तैनी जिन्होंने पीढी़ दर पीढ़ी राज्य की सेवा की हो, शास्त्रविद्-राज्य- शासन के नियम जानते हों शूर-निर्भय हों, लब्धलक्ष- अर्थात् जिनका निश्चित लक्ष्य हो, (not aimless), कुलोद्रव-अच्छे कुल में उत्पन्न हों, परीक्षित अर्थात् जिनकी परीक्षा हो चुकी हो अर्थात् देखे भाले हो।
 
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