Manu Smriti
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अल्पान्नाभ्यवहारेण रहःस्थानासनेन च ।ह्रियमाणानि विषयैरिन्द्रियाणि निवर्तयेत् ।।6/59

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
थोड़ा भोजन करके और एकान्त स्थान में निवास करके विषयों की ओर खिंचने वाली इन्द्रियों को वश में करे ।
Commentary by : पण्डित चन्द्रमणि विद्यालंकार
अतः, अल्प-भोजन और एकान्त-निवास, इन दो उपायों से विषयों द्वारा खींची जाने वाली इन्द्रियों को वश में करे।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
(अल्प+अन्न+अभ्यवहारेण) थोडे़ भोजन से, (रहःस्थान+ आसनेन वा) एकान्त में बैठने से (विषयैः हिल्यमाणानि इन्द्रियाणि निवत्र्तयेत्) विषयों की और खिचने वाली इन्द्रियों को रोके।
 
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