Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
थोड़ा भोजन करके और एकान्त स्थान में निवास करके विषयों की ओर खिंचने वाली इन्द्रियों को वश में करे ।
Commentary by : पण्डित चन्द्रमणि विद्यालंकार
अतः, अल्प-भोजन और एकान्त-निवास, इन दो उपायों से विषयों द्वारा खींची जाने वाली इन्द्रियों को वश में करे।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
(अल्प+अन्न+अभ्यवहारेण) थोडे़ भोजन से, (रहःस्थान+ आसनेन वा) एकान्त में बैठने से (विषयैः हिल्यमाणानि इन्द्रियाणि निवत्र्तयेत्) विषयों की और खिचने वाली इन्द्रियों को रोके।