Manu Smriti
 HOME >> SHLOK >> COMMENTARY
भार्यायै पूर्वमारिण्यै दत्त्वाग्नीनन्त्यकर्मणि ।पुनर्दारक्रियां कुर्यात्पुनराधानं एव च ।।5/168

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
तत्पश्चात् अन्त्येष्ठी कर्म करके दूसरा विवाह करें तथा अग्नि को स्थापन करें।
 
NAME  * :
Comments  * :
POST YOUR COMMENTS