Manu Smriti
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यावन्नापैत्यमेध्याक्ताद्गन्धो लेपश्च तत्कृतः ।तावन्मृद्वारि चादेयं सर्वासु द्रव्यशुद्धिषु ।।5/126

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
जब तक अशुद्ध वस्तु से उस अशुद्ध वस्तु की गन्ध और लेप (लगा होना) नहीं दूर हो जाता है मिट्टी और जल से धोये जाने वाले सब पदार्थों की शुद्धि के लिए उन्हें तब तक मिट्टी और जल से धोते रहना चाहिए ।
 
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