Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
. रेशमी और ऊनी वस्त्रों की शुद्धि क्षारमिश्रित पदार्थों से कम्बलों की शुद्धि रीठों से सन आदि से बने कपड़ों की शुद्धि बेल फलों से छाल से बने वस्त्रों की शुद्धि सफेद सरसों से होती है ।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
(कौशेय + आविकयोः) कृमि के कोश से उत्पन्न हुए रेशम की कौशेय कहते हैं। अवि अर्थात् भेड़ की ऊन से बने हुए को आविक कहते हैं। इनकी शुद्धि (ऊषैः) रेह से, (कुतपानाम् अरिष्टकैः) नैपाली कम्बलों की रीठा से, (अंशु पट्टानाम्) सन आदि के कपड़ों की (श्रीफलैः) बेल के फल से (क्षौमाणां) वल्कल वस्त्रों की (गौरसर्ष पैः) सफेद सरसों से।