Manu Smriti
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एष शौचस्य वः प्रोक्तः शरीरस्य विनिर्णयः ।नानाविधानां द्रव्याणां शुद्धेः शृणुत निर्णयम् ।।5/110

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
यह शरीर की शुद्धि का निर्णय तुम से कहा, अब विभिन्न प्रकार के पदार्थों की शुद्धि का निर्णय सुनो - ।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
(एषः) यह (शारीरस्य शौचस्य) शरीर सम्बन्धी शुद्धि का (विनिर्णयः) निर्णय (वः प्रोक्तः) मैंने तुमसे कहा। (नानाविधानां द्रव्याणाम्) अनेक प्रकार की चीजों की (शुद्धेः) शुद्धि का (निर्णयम्) निर्णय (शृणुत) सुनो।
 
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