Manu Smriti
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ज्ञानं तपोऽग्निराहारो मृन्मनो वार्युपाञ्जनम् ।वायुः कर्मार्ककालौ च शुद्धेः कर्तॄणि देहिनाम् ।।5/105

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
ज्ञान, तप, अग्नि, आहार, मिट्टी, मन, जल, लेप करना, वायु, कर्म, सूर्य और काल ये प्राणियों की शुद्धि करने वाले पदार्थ हैं ।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
(देहिनां) मनुष्यों की (शुद्धेः) शुद्धि के (कर्तृणि) करने वाले यह हैं:-ज्ञान, तप, अग्नि, आहार, मिट्टी, मन, पान, लीपना, वायु, कर्म, सूय्र्य और काल।
 
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