शौर्य की ज्वाला “पद्मावती” :गौरव आर्य

रानी पद्मावती को लेकर देश के आधुनिक गढ़रिये नई गाथा गढ़ रहे है पैसे और नाम की चकाचौंध में ये गढ़रिये अपने पूर्वजों के सम्मान को बेचने पर आमादा है वही इन वीर वीरांगनाओं के सम्मान के लिए आज जिन युवाओं को आगे आना चाहिए वे अपने चरित्र को ही भौतिकता की बलि पर चढा रहे है आज की राष्ट्र भक्ति जातिवाद और स्वार्थी भावनाओं से ग्रस्त होती जा रही है | किसी कवि ने ठीक ही कहा है “जो भरा नहीं है भावों से बहती जिसमें रसधार नहीं | वह हृदय नहीं वो पत्थर है जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं ||” भंसाली आज रानी पद्मावती के इतिहास को तोड़ मरोड़कर अपनी फिल्म में प्रस्तुत करने का साहस कर चूका … Continue reading शौर्य की ज्वाला “पद्मावती” :गौरव आर्य