वीरो! अपना देश बचाओ
-पं. नन्दलाल निर्भय भजनोपदेशक पत्रकार
आर्यवर्त्त के वीर सपूतो, मिलजुल करके कदम बढ़ाओ।
महानाश की ज्वालाओं से, अपना प्यारा देश बचाओ।।
ऋषियों-मुनियों के भारत में, पापाचार गया बढ़ भारी।
डाकू , गुण्डे, चोर सुखी हैं, मस्ती में हैं मांसाहारी।।
शासक दल बन गया शराबी, आज दुःखी हैं वेदाचारी।
रक्षक हैं भारत में भक्षक, जागो! भारत के बलधारी।।
मानवता का पाठ पढ़ाओ, पावन वैदिक धर्म निभाओ।
महानाश की ज्वालाओं से, अपना प्यारा देश बचाओ।।
काट-काट बिरवे गुलाब के, यहाँ नागफन सींचा जाता।
डाल-डाल पर बैठे उल्लू, देख-देख माली हर्षाता।।
खाओ-पीओ, मौज उड़ाओ, युवा वर्ग है निश-दिन गाता।
अपमानित हैं यहाँ देवियाँ, सिसक रही है भारत माता।।
राम, भरत के वीर सपूतो! दुःखी जनों के कष्ट मिटाओ।
महानाश की ज्वालाओं से, अपना प्यारा देश बचाओ।।
उग्रवाद, आतंकवाद ने, देश हमारा घेर लिया है।
नेता हैं कुर्सी केाूखे, पाप जिन्होंने बढ़ा दिया है।।
देश-धर्म का ध्यान नहीं है, जिनका पत्थर बना हिया है।
वैदिक पथ तज दिया खलों ने, भारत को बर्बाद किया है।।
स्वामी दयानन्द बन जाओ, जग में नाम अमर कर जाओ।
महानाश की ज्वालाओं से, अपना प्यारा देश बचाओ।।
गो ब्राह्मण की सेवा करना, ऋषियों ने है धर्म बताया।
गो माता है खान गुणों की, वेद शास्त्रों में दर्शाया।।
लेकिन उनकी शिक्षाओं को, दभी लोगों ने बिसराया।
नकल विदेशों की कर-करके, अपना जीवन नरक बनाया।।
गो हत्या को बन्द कराओ, वीरो! कृष्ण स्वयं बन जाओ।
महानाश की ज्वालाओं से, अपना प्यारा देश बचाओ।।
याद रखो! जो देश-धर्म की, श्रद्धा से करते हैं सेवा।
वही भाग्यशाली पाते हैं, कीर्ति सुयश की पावन मेवा।।
डूब रही है नाव धर्म की, पार लगाओ बनकर खेवा।
अगर न जागे नहीं मिलेगा, नाम तुमहारा जग में लेवा।।
‘‘नन्दलाल’’ है भला इसी में, जितना हो शुभ कर्म कमाओ।
महानाश की ज्वालाओं से, अपना प्यारा देश बचाओ।।
– ग्राम व पो. वहीन जनपद पलवल (हरियाणा) चलभाष – 9813845774