वेदों में गौ की सुरक्षा
Vedas AV12.4
AV Sukta12.4 अथर्व वेद 12-4 सूक्त -वशा गौ ,ऋषि- कश्यप:
4.1.0.1 AV 12.4.1 अथर्व 12-4-1 On Donating a cow
गौ दान किस को
ददामीत्येव ब्रूयादनु चैनामभुत्सत।
वशां ब्रह्मभ्यो याचद्भ्यस्तत्प्रजावदपत्यवत् || अथर्व 12.4.1
Cows should be given in keeping of learned persons
(veterinarians) who have noble temperaments.
गौओं को ब्राह्मण वृत्ति के पशु पालन वैज्ञानिकों के ही दायित्व में देना चाहिए ।
4.1.0.2 AV 12-4-2 Curse of a sick Cow दुःखी गौ का श्राप
प्रजया स वि क्रीणीते पशुभिश्चोप दस्यति।
य आर्षेयेभ्यो याचभ्दयो देवानां गां न दित्सति ।। अथर्व 12-4-2
Those who do not give cows in the keeping of such
virtuous persons to bring about improvements in the
cows, merely trade and do no service for society.
They suffer from curse of unhappy cows.
जो लोग कुशल कार्य कर्ताओं की सहायता से गौ संवर्द्धन का कार्य
नहीं करते, वे केवल व्यापार वृत्ति से कार्य कराते हैं। वे दुखी गौ के
श्राप के भोगी होते हैं।
4.1.0.3 AV 12-4-3 Underfed Cow’s Curse
दुःखी गौ का श्राप
कूटयास्य सं शीर्य-ते श्लोणया काटमर्दति।
बण्ड्या दह्य-ते गृहाः काणया दीयते स्वम् ।। अथर्व 12-4-3
Society that trades in unhealthy cows gets destroyed
By curse of unhappy cows.
जो समाज गौ को व्यापार मान कर चलाते हैं, वे दुखी गौ के श्राप से
नष्ट हो जाते हैं।
4.1.0.4 AV12-4-4 same as above फिर वही
विलोहितो अधिष्ठानाच्छद्विक्लिदुर्नाम विन्दति गोपतिम् ।
तथा वशायाः संविद्यं दुरदभ्ना ह्युच्यसे ।। अथर्व12-4-4
Miserly person’s looking after the cows neglect their
Feed and health. Cows suffer bleeding and such
ailments which become incurable.
कंजूस गोपालक की गौ,रक्त स्राव जैसे असाध्य रोगों से ग्रसित हो
कर नष्ट हो जाती हैं।
4.1.0.5 AV 12-4-5 Foot and mouth disease
मुंह खुरपका
पदोरस्या अधिष्ठानाद्विक्लिन्दुर्नाम विंदति|
अनामनात्सं शीर्यन्ते या मुखेनोपजिघ्रति ।। अथर्व 12-4-5
By sniffing her feet/ place where cow puts her feet, A
disease ‘Wiklindu’ is contracted that finally destroys
the cow. ( The obvious reference is to the contagious
Foot and mouth disease)
गौ अपने खुर सूंघने से मुंह खुर पका रोग से ग्रस्त हो कर नष्ट हो
जाती है।
4.1.0.6 AV12-4-6 Do not make Cut marks on Cow
ears
गौ की पहचान के लिए कान मत काटो
यो अस्याः कर्णावास्कुनोत्या स देवेषु वृश्चते ।
लक्ष्मं कुर्व इति मन्यते कनीयः कृणुते स्वम् ।। अथर्व 12-4-6
Those persons who make cut marks on cow’s ears for
Identification, are as if cutting short their own wealth.
गौ की पहचान के लिए के कान नहीं काटने चाहिएं।
4.1.0.7 AV 12-4-7 Do not cut COW Hair गौ के बाल नही
काटे जाते
यदस्याः कस्मै चिद्भोगाय बालान्कश्चित्प्रकृन्तति ।
ततः किशोरा म्रियन्ते वत्सांश्च धातुको वृकः ।। अथर्व 12-4-7
Those who cut hair of a cow for any reasons, are
Cursed to suffer in life.
जो किसी तांन्त्रिक कार्य के लिए गौ के बाल लेते हैं उन को श्राप
लगता है।
4.1.0.8 AV 12-4-8 Protect Cows from attack by birds गौ को कौए इत्यादि पक्षियों से बचाएं
यदस्या गोपतौ सत्या लोम ध्वाङ्क्षो अजीहिडत् ।
ततः कुमारः म्रियन्ते यक्ष्मो विन्दत्यनामनात् ।। अथर्व 12-4-8
If crows are allowed to attack a cow, the lazy care
taker of cows will suffer from tuberculosis.
( Lazy persons attract Tuberculosis)
जो चरवाहा गौ को कौए जैसे पक्षियों से नहीं बचाता , उस आलसी
को क्षय रोग होगा । (आलस्य के कारण क्षय रोग होता है)
4.1.0.9 AV12-4-9 Cow Dung and Urine
गोबर गोमूत्र
यदस्याः पल्पूलनं शकृद्दासी समस्यति ।
ततोऽपरूपं जायते तस्मादव्येष्यदेनसः ।। अथर्व 12-4-9
Throwing away in to waste the Cow Dung and Cow
Urine disfigures the society.
गोबर गोमूत्र व्यर्थ करने से समाज के रूप की सुन्दरता नष्ट हो जाती
है ।
VETERINARY SERVICES
पशु चिकित्सा सेवाएं
4.1.0.10 AV 12-4-10 Cow Protection गौ सुरक्षा
जायमानाभि जायते देवान्त्सब्राह्मणान्वशा ।
तस्माद ब्रह्मभ्यो देयैषा तदाहुः स्वस्य गोपनम् ।। अथर्व 12-4-10
Cow should always be under the care of
Knowledgeable persons having altruistic attitudes.
This is the best form of COW PROTECTION
गौपालन में ब्राह्मण वृत्ति के कुशल गोपालकों से ही गौ सुरक्षित
रहती है।
4.1.0.11 AV12-4-11 No Cow protection is cruelty
गौ की असुरक्षा अपराध है
य एनां वनिमायन्ति तेषां देवकृता वशा।
ब्रह्मज्येयं तदब्रुवन्य एना निप्रयायते ।। अथर्व 12-4-11
Not providing cow in to proper hands for care is
cruelty to cows.
गौ को ब्राह्मण वृत्ति के लोगों के हाथ न देना गौ पर अत्याचार है।
4.1.0.12 AV 12-4-12 Same again वही विषय
य आर्षेयेभ्यो या चद्भयो देवानां गां न दित्सति ।
आ स देवेषु वृश्चते ब्राह्मणानां च मन्यते ।। अथर्व 12-4-12
Not providing the cows with such care, destroys good
traditions of society.
गौवों को ऐसी सुरक्षा न देने से सामाजिक परम्पराओं का नाश
होता है।
4.1.0.13 AV 12-4-13 pre parturition post parturition
care
दूध से हटी गर्भिनी गौ सेवा विषय
यो अस्य स्याद् वशाभोगो अन्यामिच्छेत तर्हि सः ।
हिंस्ते अदत्ता पुरुषं याचितां च न दित्सति ।। अथर्व 12-4-13
Productive cows can be kept for the immediate
benefits but unproductive cows must be given for
care by selfless persons.
बाखड़ी, गर्भिणी, दूध से सूखी गौ को निस्वार्थ सेवा चाहिए।
4.1.0.14 AV 12-4-14 Same as above वही विषय फिर
यथा शेवधिर्निहितो ब्राह्मणानां तथा वशा ।
तामेतदच्छायन्ति यस्मिन्कस्मिंश्च जायते ।। अथर्व 12-4-14
Like the protection to be provided for hidden
treasures, such cows must be provided with due
protection .
( Modern science calls it Pre parturition & post
parturition- a 90 days regime two months or more
before calving and at least one week after calving
care under best hands)
जैसे किसी कोष की सुरक्षा की जाती है, उसी प्रकार विद्वान कुशल
हाथों से बाखड़ी, कम/बिना दूध की गर्भवती गौ की सुरक्षा होती है।
4.1.0.15 AV 12-4-15Denial of this service is cruelty to Cows
यह गौ सेवा उप्लब्ध न होना गौ पर अत्याचार है
तस्मेतदच्छायन्ति यद् ब्राह्मणा अभि ।
यथैनानन्यस्मिञ्जिनीयादेवास्या निरोधनम् ।। अथर्व 12-4-15
It is the duty of selfless good persons (veterinarians)
To provide this service. Denial of this service is cruelty towards Cows.
गौ वंश की ऐसी सेवा समाज का दायित्व है। इस सेवा का प्रबंध न
होना गौ पर अत्याचार है।
Importance of Veterinary Services गो विज्ञान का महत्व
4.1.0.16 AV 12-4-16 Increase of Cows and identification
गो वंश विस्तार और उसे चिह्नित करना
चरेदेवा त्रैहायणादविज्ञातगदा सती ।
वशां च विद्यान्नारद ब्राह्मणास्तह्येर्ष्याः ।। अथर्व 12-4-16
Up to three years of age a heifer moves around with
its mother. Then it Caves and has to be given an
identity and donated to a deserving good household.
तीन वर्ष तक की उस्रिया माता के संग रहती है। बछ्ड़ा देने पर उस
का नामकरण करके किसी उपयुक्त परिवार को दान की जाती है
4.1.0.17 AV 12-4-17 Nonobservance of such practice
Is not in best interests of society
ऐसे गोदान न करना समाज कल्याण हित में नही होता
य एनामवशामाह देवानां निहितं निधिम् ।
उभौ तस्मै भवाशर्वौ परिक्रम्येषुमस्यतः ।। अथर्व 12-4-17
Those who realize the wealth in cow’s udders and
milk, but do not share these cows with population, are
doing great disservice to welfare of the community.
जो गौ के दुग्ध का महत्व जानते हुए भी ऐसे गोदान नहीं करते वे
समाज के लिए कल्याण कारी नहीं सिद्ध होते
4.1.0.18 AV 12-4-18 Same again वही विषय फिर
यो अस्या ऊधो न वेदाथो अस्या स्तनानुत ।
उभयेनैवास्मै दुहे दातुं चेदशकद्वशाम् । । अथर्व 12-4-18
Even ignorant persons if they donate cows for
Spreading them, do a great community service.
अविद्वान लोग भी जो गोदान से गौ संवर्द्धन करने के लिए यथा
समय गौ सेवा के लिए गौ दान करते हैं, वे समाज सेवा का बड़ा
काम करते हैं
4.1.0.19 AV 12-4-19 Same again वही विषय फिर
दुर दभ्नैनमा शये याचितां च ना दित्सति।
नास्मै कामाः समृध्यन्ते यामदत्त्वा चिकीर्षति ।। अथर्व 12-4-19
Motivated by selfish considerations those who do not
Lend their cows at appropriate times for proper care
by experts, make their cows suffer and are in the end
not able to derive the benefits they were trying to
protect in the first place .
बाखड़ी गर्भ वती गौ की विशेष सेवा के लिए जो लोग अपनी गौओं
को विशेषज्ञों के पास दान रूप से नही भेजते, उन की गौएं कष्ट में
रहती हैं और जो लाभ अपेक्षित था वह नहीं मिलता।
4.1.0.20 AV 12-4-20
Provide Vet experts honorable place
गो चिकित्सकों का आदर करो
देवा वशामयाचन्मुखं कृत्वा ब्राह्मणम् ।
तेषां सर्वेषामददद्धेडं न्येति मानुषः ।। अथर्व 12-4-20
Veterarian’s offer for providing help to community to
take care of Cows should be gratefully accepted .
Ignoring the Vet Services angers the Vet Experts
पशु चिकित्सक गो सेवा के लिए उत्सुक रहते हैं। उन सेवा ने लेने
पर वे क्रुद्ध होते हैं।
4.1.0.21 AV 12-4-21 Veterinarians पशु चिकित्सक
हेडं पशूनां न्येति ब्राह्मणेभ्योऽददद्वशाम् ।
देवानां निहितं भागं मर्त्यश्चेन्निप्रियायते ।। अथर्व 12-4-21
Veterinarians are to be made available to serve cows.
By not taking their services properly even the cows
are put to great discomfort.
गौ सेवा के लिए प्रशिक्षित जन गोसेवा अवसर की प्रतीक्षा में उत्सुक
रहते हैं। उन की सेवा न लेने से गौ को भी बहुत पीड़ा होती है।
4.1.0.22 AV 12-4-22 Veterinary help
पशु चिकित्सा दायित्व
यदन्ये शतं याचेयुर्ब्राह्मणा गोपतिं वशाम्।
अथैनां देवा अब्रुवन्नेवं ह विदुषो वशा ।। अथर्व 12-4-22
Hundreds of people seek help from veterinarians, and
All their cows are said to belong to him.
बहुत से लोग अपनी गौएं पशु चिकित्सक के पास ले जाते हैं। वे सब
गौ उस चिकित्सक की कही जाती हैं।
4.1.0.23 AV12-4-23 Expert Vet Services
कुशल पशु चिकित्सक सेवा
य एवं विदुषेऽदत्त्वाथान्येभ्यो ददद्वशाम् ।
दुर्गा तस्मा अधिष्ठाने पृथिवी सहदेवता ।। अथर्व 12-4-23
Those who do not take help of trained Vets and go to
Seek help from illiterates, cause lot of misery and loss
to society.
जो लोग विद्वान पशुचिकित्सकों को छोड़ कर अविद्वानों के पास
जाते हैं, वे समाज में दुःख का कारण होते हैं।
4.1.0.24 AV 12.4.24 Ignoring Vet help
पशु चिकित्सा न लेना
देवा वशामयाचन्यस्मिन्नग्रे अजायत ।
तामेतां विद्यान्नारदः सह देवै रुदाजत ।। अथर्व 12-4-24
First time pregnant cow needs extra care. House
Holders may think of such cows to be their blessing
and feel that it can take care of itself on its own as a
routine.
पहली बार गर्भ वती को गृह स्वामी अपना सौभाग्य समझ कर यह
सोच लेता है कि सब अपने से ठीक होगा। यह ग़लती है
4.1.0.25 AV 12-4-25 Continued वही विषय
अनपत्यमल्पपशुं वशा कृणोति पूरुषम्।
ब्राह्मणैश्च याचितामथैनां निप्रियायते ।। अथर्व 12-4-25
Ignoring the expert Vet help those who confine such cows to their family out of misplaced affection, unknowingly cause harm to their cows and bring damage to the interests of their family.
विशेषज्ञों की सहायता न ले कर ये गो स्वामी गौ और अपने परिवार का और गौ का अहित करता है।
4.1.0.26 AV 12-4-26
अग्नीषोमाभ्यां कामाय मित्राय वरुणाय च ।
तेभ्यो याचन्ति ब्राह्मणास्तेष्वा वृश्चतेऽददत् ।। अथर्व 12-4-26
Knowledge, Skills, Expert help, Implements and Resources all are needed for proper care. Ignoring this is a retrograde step.
विद्वत्ता, ज्ञान , हर प्रकार के संसाधन उपयुक्त स्थान और समय पर उपलब्ध रहने चाहिएं।
इन सब पर ध्यान न देना समाज में पिछड़ापन बढ़ाता है।
PASTURE FEEDING गोचर विषय
4.1.0.27 AV 12.4.27 Time to release Cows for Pastures प्रातः काल गोचर
यावदस्या गोपतिर्नोपशृणुयाद्दचः स्वयम् ।
चरेदस्य तावद्गोषु नास्यं श्रुत्वा गृहे वसेत् ।। अथर्व 12-4-27
Morning strains of mantras when heard being recited at Agnihotras indicates the time to release cows to go to pastures for self feeding.
प्रातः कालीन मंत्रो के पाठ की ध्वनि जब सुनाई देती है, तब जानिए कि गौओं को गोचर में जाने का समय हो चला
4.1.0.28 AV 12-4-28 Stall feeding is harmful घर में गौ को बंध कर मत रखो
यो अस्या ऋचउपश्रुत्याथ गोष्वचीचरत् ।
आयुश्च तस्य भूतिं च देवा वृश्चन्ति हीडिताः ।। अथर्व 12-4-28
One who keeps Cows at home to feed even after hearing the morning mantra patha suffers in life.
जो प्रातःकाल मंत्र ध्वनि सुनने के पश्चात भी गौ को अपने घर पर बांध कर खिलाता है, वह जीवन मे दुख पाता है।
4.1.0.29 AV 12.4.29 Time to stay in Pastures गोचर में रहने का समय
वशां चरन्ति बहुधा देवानां निहितो निधिः ।
आविष्कृणुष्व रूपाणि यदा स्थाम जिघांसति ।। अथर्व 12- 4-29
As long as the cows like to feed in pastures they represent community assets. When cows want to retreat from pastures they indicate it by many signs.
गोचर में गौएं समाज की धरोहर के रूप में रहती हैं।जब वे पुन: अपने गृह स्वामी के स्थान जाना चाहती हैं, स्वयम् संकेत करती हैं।
4.1.0.30 AV 12-4-30
आविरात्मानं कृणुते यदास्त्थाम जिघांसति।
अथो ह ब्रह्मभ्यो वशा याञ्च्याय कृणुते मन:।। अथर्व 12-4-30
Cow herself indicates the time for her to go back to her home for help from her master
जब गोचर से गृह स्वामी के पास जाने का समय होता है गौ स्वयम् ऐसे संकेत देती है।
4.1.0.31 AV 12-4-31Cow’s desires are to be complied , गौ के अनुकूल आचरण हो
मनसा सं कल्पयति तद्देवाँ अपि गच्छति ।
ततो ह ब्रह्माभ्यो वशामुपप्रयन्ति याचितुम् ।। अथर्व 12-4-31
When Cows want to leave pastures to return to their homes, their desires should be complied with. ( It is the udder stress when it is full of milk, that prompts cow to return to her master for milking her and feeding her calf)
गौ के घर लौटने के संकेत पर दूध दुहने के लिए गौ को गृह स्वामी के यहां ले जाना चाहिए।
4.1.0.32 AV 12-4-32 Cow’s Blessings गौ के आशीर्वाद
स्वधाकारेण पितृभ्यो यज्ञेन देवताभ्यः ।
दानेन राजन्यो वशाया मातुर्हेडं न गच्छति ।। अथर्व 12-4-32
Cows blessings flow by long life and presence of elders in Society, Ajya for havi in yagyas, for the Society by her bounties (organic agriculture).
पितरों को अपने स्वरूप से, ब्राह्मणों को यज्ञ में आज्य की हवि से,राज्य को अपनी उपलब्धियों से धन्य करती हैं।
4.1.0.33 AV 12-4-33 Cows belong to the learned गौ बुद्धिजीवियों की होती है
वशा माता राजन्यस्य तथा संभूतमग्रशः ।
तस्या आहुरनर्पणं यद ब्रह्मभ्यः प्रदीयते ।। अथर्व 12-4-33
Cow on first priority provides for protecting the welfare of society like a
mother does. But Cow really belongs to the Veterinarian intellectuals, who
provide for its upkeep.
गौ सामाज को सर्व प्रथम माता कि तरह संरक्षण प्रदान करती है।
परन्तु वास्तव में विद्वान बुद्धिजीवि ही गौ को सुरक्षा प्रदान करते
हैं।
4.1.0.34 AV12-4-34 Gross treatment of Cows a Crime गाव से दुर्व्यवहार अपराध है
यथाज्यं प्रगृहीतमालुम्पेत्स्त्रुचो अग्नये ।
एवा ह ब्रह्मभ्यो वशग्नय आ वृश्चतेऽददत् ।। अथर्व 12-4-34
Like Ajya havi dropping outside the fire is a crime, not providing the cows
with good Veterinary care is also a crime.
जैसे यज्ञाग्नि से बाहर स्रुवा से आज्य गिराना अपराध है, उसी प्रकार गौ को पशु चिकित्सक की
सेवा से दूर रखना भी एक अपराध है।
4.1.0.35 AV 12-4-35 Productive cow fulfils all needs दुधारु गौ सम्पन्नता प्रदान करती है
पुरोडाशवत्सा सुदुधा लोकेऽस्मा उप तिष्ठति
सस्मै सर्वान्कामान्वशा प्रददुशषे दुह ।। अथर्व 12-4-35
Productive Cows fulfill all needs of the society
सवत्सा दुधारु गौ सब कामानाएं पूर्ण करती है
4.1.0.36 AV 12-4-36 Denying provision of cows leads to hell गो सेवा न करना नरक देता है
सर्वान्कामान्ययमराज्ये वशा प्रददुशे दुहे ।
अथहुर्नारकं लोकं निरुन्धा नस्य याचिताम् ।। अथर्व 12-4-36
Not making provision for good cows, denying cow products to the needy,
turns the society in to a living hell
गो सेवा से यम राज के यहां भी सब इच्छा पूरी होती हैं, परन्तु गौ की सेवा न करने से नरक
से छुटकारा नहीं मिलता।
4.1.0.37 AV 12-4-37 Cows denied mating are angry cows
गौ को वृषभ आवश्यक है
प्रवीयमाना चरति क्रुद्धा गोपतये वशा ।
वेहतं मा मन्यमानो मृत्योः पाशेषु बध्यताम् ।। अथर्व 12-4-37
Denial of breeding to good cows makes them infertile makes cows angry
and curse the keepers to Death.
(Modern practice of artificial insemination is known to cause infertility. This
is a challenge for modern Dairy Practice.))
गौ को वृषभ का सहवास न मिलने पर गौ क्रोधित और बांझ होने
लगती हैं। (क्रित्रिम गर्भाधान में गौ बांझ होने लगती हैं )
4.1.0.38 AV 12-4-38 Cow Breeding facility
गौ प्रजनन व्यवस्था
यो वेहतं मन्यमानो ऽमा च पचते वशा ।
अप्यस्य पुत्रान् पौत्रांश्च याचयते बृहस्पति ।। 12-4-38
Neglect of breeding a good cow makes the coming generation of society in
to beggars
जिस समाज में गौ प्रजनन सुव्यवस्थित नहीं होता वहां के लोग भीख मांगते हैं।
Pasture Significance गोचर महत्व
4.1.0.39 AV 12-4-39 Pastures should have free access गोचर महत्व
महदेषाव तपति चरन्ति गोषु गौरपि ।
अथो ह गोपतये वशाददुषे विषं दुहे ।। अथर्व 12-4-39
Barriers in pastures angers the cows, the milk from such cows is likened to
poison. (महदेषाव – Big barriers)
(This fact is fully supported by latest dairy
science researches. Only milk of green forage fed cows is rich Essential
Fatty acids-Omega3 & Omega 6 and has much lower saturated fat content
and is rich with all Carotenoids. This is confirmed by the researches
shown here.)