5 thoughts on “Vedic Dhyan Paddhiti – Swami Vivekanand Parivrajak”
इस पूरे ऑडियो को सुन पुनः प्रमाणित हो गया कि आज आर्यसमाज के तथाकथित बड़े से विद्वान भी ध्यान के मामले में पूरी तरह कितने शून्य हैं। कितने दु:ख की बात है !
आर्यसमाज के पतन के यही दो मुख्य कारण हैं, कि 1) आर्यसमाज से उपासना+ध्यान पूरी तरह लुप्त हो चुका है 2) आर्यसमाज अनध्यायी हो गया है।
बेहद निराशाजनक !
मैंने स्वामी विवेकानन्द जी का यह ओडियो पूरा सुना है । उसमें ‘आनन्द’, ‘न्यायकारी’ आदि नामों से तथा प्रसिद्ध गायत्री मन्त्र से वेदोक्त ईश्वर की प्रार्थना-उपासना की सरल विधि सम्बन्धी बात कही गई है । इस ओड़ियो में मुझे कोई बात सिद्धान्त विरुद्ध प्रतीत नहीं हुई ।
भावेश मेरजा
इस पूरे ऑडियो को सुन पुनः प्रमाणित हो गया कि आज आर्यसमाज के तथाकथित बड़े से विद्वान भी ध्यान के मामले में पूरी तरह कितने शून्य हैं। कितने दु:ख की बात है !
आर्यसमाज के पतन के यही दो मुख्य कारण हैं, कि 1) आर्यसमाज से उपासना+ध्यान पूरी तरह लुप्त हो चुका है 2) आर्यसमाज अनध्यायी हो गया है।
बेहद निराशाजनक !
Namste ji ,
we appreciate that you have taken out time to listen the matter.
we would be obliged if you can elaborate the gaps.
Regards
डॉ. कविता जी के इस निष्कर्ष को पढ़कर जिज्ञासा हुई कि प्रवचन के वे कौन से बिन्दु हैं, जिनके आधार पर उन्होंने यह राय रखी है ।
भावेश मेरजा
मैंने स्वामी विवेकानन्द जी का यह ओडियो पूरा सुना है । उसमें ‘आनन्द’, ‘न्यायकारी’ आदि नामों से तथा प्रसिद्ध गायत्री मन्त्र से वेदोक्त ईश्वर की प्रार्थना-उपासना की सरल विधि सम्बन्धी बात कही गई है । इस ओड़ियो में मुझे कोई बात सिद्धान्त विरुद्ध प्रतीत नहीं हुई ।
भावेश मेरजा
i listen swami parvrajak on astha tv . his opinions are according to patnjali yogdarshan and vedas. he is a genius and taponishtha sanyashi.