स्वामी श्रद्धानन्द जी के लिये कहा क्या था?
–दिल्ली से एक युवक ने चलभाष पर यह पूछा है कि यहाँ यह प्रचारित किया गया है कि डॉ. अबेडकर ने स्वामी श्रद्धानन्द जी को दलितों का मसीहा बताया था। क्या डॉ. अबेडकर के यही शब्द थे? हमने तो आपके साहित्य में कुछ और ही शब्द पढ़े थे। मेरा निवेदन है कि मैंने जो कुछ लिखा है पढ़कर, मिलान करके लिखा है, परन्तु मैं आर्य समाज के इन तथाकथित सर्वज्ञ इतिहासकारों को इतिहास प्रदूषण करने से नहीं रोक सकता। इन्हें खुल खेलने की छूट है। डॉ. अबेडकर के शब्द हैं, स्वामी श्रद्धानन्द दलितों के सबसे बड़े हितैषी हैं। मराठवाडा में डॉ. अबेडकर विद्यापीठ में डॉ. अबेडकर के साहित्य के मर्मज्ञ किसी प्रोफैसर से पत्र-व्यवहार करके मेरे वाक्य की जाँच परख कर लीजिये। मेरी भूल होगी तो दण्ड का भागीदार हूँ।