खुदा फौज लेकर लड़ने गया
खुदा जब फौज लेकर लड़ने गया तो वह मदद के लिये फौजों का मुहताज रहा। इन्सान के मुकाबिले पर खुदा सेना के साथ लड़ने जावे तो वह खुदा कादिरेमुतलक अर्थात् सर्वशक्तिमान कैसे रहा?
देखिये कुरान में कहा गया है कि-
इज यूही रब्बु-क इलल्-मला इकति…………।।
(कुरान मजीद पारा ९ सूरा अन्फाल रूकू २ आयत १२)
ऐ पैगम्बर! यह वक्त था जब कि तुम्हारा परवर्दिगार फरिश्तों को (युद्ध क्षेत्र में) आज्ञा दे रहा था कि हम तुम्हारे साथ हैं। तुम मुसलमानों को जमाये रखो, हम जल्द काफिरों के दिलों में डर डाल देंगे, बस! तुम इनकी गर्दनें मारो और इनके टुकड़े कर डालो।
समीक्षा
खुदा आदमियों से फरिश्तों की फौज लेकर लड़ाई के मैदान में लड़ने जाया करता था और अपनी कायर फौज की हिम्मत बंधाता था, यह बात भी अरबी कुरानी खुदा की असलियत को खोलने वाली है। अतः कुरान खुदा को सर्वशक्तिमान नहीं मानता है।
इस्लामी खुदा भी एक मामूली सेनापति अर्थात सिपहसालार जैसा ही था। इन्जील में प्रकाशित वाक्य नाम के अध्याय ९ वाक्य १६ में लिखा है कि-
‘‘खुदा के पास बीस करोड़ घुड़सवार सेना रहती है’’
और फौजें कितनी हैं? यह नहीं बताया है किन्तु अरबों खरबों से क्या कम होंगी?
यह फौजें खुदा की रक्षा के लिये उसके पास रहती हैं। यदि यह न हों तो हो सकता है कि दुश्मन खुदा पर हावी हो जावें।