मास्टर गोविन्दसहाय आर्य समाज अनारकली लाहौर के लगनशील सभासद थे
श्री मास्टर जी पर पण्डित जी का गहरा प्रभाव था . आप पण्डित लेखराम की शूरता की एक घटना सुनाया करते थे
एक दिन किसी ने पण्डित जी को सुचना दी कि लाहौर की बादशाही मस्जिद में एक हिन्दू लड़की को शुक्रवार के दिन बलात मुसलमान बनाया जायेगा
लड़की को कुछ दुष्ट पहले ही अपहरण करके ले जा चुके थे . यह सुचना पाकर पण्डित जी बहुत दुखी ही . देवियों का अपहरण व बलात्कार उनके लिए असह्य था . वे इसे मानवता के विरुद्ध एक जघन्य अपराध मानते थे . पण्डित जी की आँखों में खून उतर आया ..
पण्डित जी ने मास्टर गोविन्दसहाय जी से कहा “चलिए , मास्टर जी हम आज रात्रि ही उस लडकी को खोजकर लावेंगे “
बृहस्पतिवार को सायंकाल के समय दोनों मस्जिद में गए . लड़की वही पाई गयी .लड़की से कहा : चलो हमारे साथ .
वह साथ चल पडी . वहां उस समय कुछ मुसलमान उपस्थित थे परन्तु किसी को भी पण्डित जी के मार्ग में बाधक बनने का दुस्साहस न हुआ. धर्म प्रचार व जाति रक्षा के लिए वे प्रतिपल जान जोखिम में डालने के लिए तैयार रहते थे . यह घटना श्री मास्टर गोविन्दसहाय जी ने दिवंगत वैदिक विद्वान वैद्य रामगोपाल जी को सुनाई थी. श्री महात्मा हंसराज जी भी पण्डित जी के जीवन की इस प्रेरक घटना की चर्चा किया करते थे