Manu Smriti
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स्वेदजं दंशमशकं यूकामक्षिकमत्कुणम् ।ऊष्मणश्चोपजायन्ते यच्चान्यत्किं चिदीदृषम् । ।1/45

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
डंश (दंश), मशक (मच्छर), जुँआ (डील, यूक), मक्खी व खटमल, यह सब स्वेद (पसीना) से उत्पन्न होते हैं। अतः इन्हें स्वेदज कहते हैं और जो ऐसे ही गर्मी से उत्पन्न होते हैं, वह भी स्वेदज कहलाते हैं।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
(दशंमशकम्) डंक से काटने वाले मच्छर आदि (यूका) जूं (मक्षिक) मक्खियां (मत्कुणम्) खटमल (यत् च अन्यत् किंच्चित् ईदृशम्) जो और भी कोई इस प्रकार के जीव हैं जो (ऊष्मणः) ऊष्मा अर्थात् सीलन और गर्मी से (उपजायन्ते) पैदा होते हैं, वे सब (स्वेदजम्) ‘स्वेदज’ अर्थात् पसीने से उत्पन्न होने वाले कहाते हैं ।
 
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