Manu Smriti
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यदि स्त्री यद्यवरजः श्रेयः किं चित्समाचरेत् ।तत्सर्वं आचरेद्युक्तो यत्र चास्य रमेन्मनः ।2/223

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
स्त्री व छोटा पुरुष कोई उत्तम बात करता हो तो उसको आप भी करें अथवा शास्त्रानुसार जिस कर्म में मन को विश्वास हो वह काय्र्य करें।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
यदि स्त्री यदि अवरजः यदि स्त्री अथवा शूद्र किंचित् श्रेयः समाचरेत् कोई श्रेष्ठ कार्य करें तत् सर्वम् आचरेत् उनसे शिक्षा लेकर उन पर आचरण करे वा अथवा यत्र जिस शास्त्रोक्त कर्म में अस्य मनः रमेत् इसका मन रमे उस श्रेष्ठ कार्य को करता रहे ।
 
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