Manu Smriti
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शय्यासनेऽध्याचरिते श्रेयसा न समाविशेत् ।शय्यासनस्थश्चैवैनं प्रत्युत्थायाभिवादयेत् ।2/119

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
वृद्ध पुरुष जिस आसन (गद्दी) पर बैठते हों उस पर आप न बैठो और यदि बैठा हो तो उठकर प्रणाम करें।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
. श्रेयसा गुरूजन आदि बड़ों द्वारा अध्याचरिते प्रयोग में लायी जाने वाली शय्या - आसने शय्या पलंग आदि आसन पर न समाविशेत् न बैठे च और शय्यासनस्थः यदि अपनी शय्या और आसन पर लेटा या बैठा हो तो एनम् इन गुरूजन आदि बड़ों को प्रत्युत्थाय अभिवादयेत् उनके आने पर उठकर नमस्कार करे ।
 
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