Manu Smriti
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सूक्ष्मतां चान्ववेक्षेत योगेन परमात्मनः ।देहेषु च समुत्पत्तिं उत्तमेष्वधमेषु च ।।6/65

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
और योगाभ्यास से परमात्मा की सूक्ष्मता को तथा उत्तम तथा अधम शरीरों में जन्मप्राप्ति के विषय में विचारे ।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
(सूक्ष्मतां चान्ववेक्षेत योगेन परमात्मनः) योग से परमात्मा की सूक्ष्मता का विचार करें (देहेषु च समुत्पत्तिम् उत्तमेषु अधमेषु च) उत्तम और अधम योनियां का भी।
 
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