खुदा बिना कारण रोजी कम या ज्यादा करता है
इस आयत के होते हुए खुदा को मुन्सिफ अर्थात् न्यायकत्र्ता साबित करें।
देखिये कुरान में कहा गया है कि-
अल्लाहु यब्सुतुर्रिज-क लिमंय्यशाउ…………।।
(कुरान मजीद पारा २० सूरा अकंबूत रूकू ६ आयत ६२)
अल्लाह ही अपने बन्दों में से जिसको चाहे रोजी देता है और जिसको चाहे नपी तुली कर देता है और जिससे चाहे छीन भी लेता है बेशक! अल्लाह हर चीज से जानकार है।
व मा अर्सल्ना मिर्रसूलिन् इल्ला…………..।।
(कुरान मजीद पारा १३ सूरा इब्राहीम रूकू १ आयत ४)
खुदा जिसको चाहता है भटकाता है और जिसे चाहता है राह दिखा देता है।
समीक्षा
खुदा का हर काम किसी न किसी आधार पर होता है। बिना कारण किसी को ज्यादा या कम देना, किसी को सजा या इनाम दे तो यह खुदा को बे-इन्साफ साबित करता है। तो जब खुदा ही बेइन्साफी करेगा तो दुनियां में उसकी देखा-देखी बेइन्साफी व धांधलेबाजी क्यों न चलेगी?
कुरान की यह आयत खुदा को दोषी स्वेच्छाचारी अन्यायी घोषित करती है। यदि ऐसा ही कोई मजिस्ट्रेट यहाँ भी करने लगे तो उसे क्या कहा जावेगा? वही खुदा के बारे में भी समझ लेवें। उसका तबादला तुरन्त दूसरी जगह करा दिया जावेगा।