आज विश्व आतंकवाद से लड़ रहा है. विश्व का प्रत्येक देश किसी न किसी रूप में इस समस्या से ग्रस्त है. आतंकवाद का भयानक रूप आज मुस्लिम देशों में देखने को मिल रहा है . पाकिस्तान अफगानिस्तान इरान ईराक सीरिया इत्यादि देश आतंकवाद के प्रजनन की धुरी बने हुए हैं .ये सभी देश इस्लामिक मान्यताओं से ताल्लुक रखते हैं और इनमें पनप रहे आतंकवादी संगठन भी इस्लाम को विश्व भर में फैलाने का सपना संजोये हुए तहे दिलो जान से आतंकवाद के माध्यम से विश्व के इस्लामीकरण के सपने को संजोये बेकसूरों के रक्त से होली खेल रहे हैं .
मुस्लिम विद्वानो और प्रचारकों के अनुसार इस्लाम शान्ति का सन्देश देता है और इस्लाम का शाब्दिक अर्थ भी शांती ही है . मुहम्मद साहब इस्लाम के आखिरी नबी ( हालांकि नबी होने का दावा मुहम्मद साहब के बाद भी कई लोगों ने किया है ) हैं . और मुहम्मद साहब अल्लाह द्वारा दिए गए शांति के सन्देश के प्रचारक थे . लेकिन इस्लाम की यह शाब्दिक शान्ति व्यावहारिक रूप में कितनी परिवर्तित हो पाई है या केवल एक छलावा है यह एक विचारणीय विषय है .
किसी भी मत की मान्यताएं उसके इतिहास से प्रदर्शित होती हैं . इस्लाम का मूल मुहम्मद साहब और उनका आचरण है. आइये इस्लामिक इतिहास के इस तथ्य पर नज़र डालते हैं कि क्या वास्तव में मुहम्मद साहब का आचरण शान्ति के प्रचार प्रसार को फलीभूत करने वाला था ?
सुरा अल सफ्फात ३३ की आयात १७७ :
“फिर जब अजाब उनके आँगन में उतरेगा तो उन लोगों को की सजा बड़ी होगी जिन्हें डराया गया था “
सहीह मुल्सिम की व्याख्या में अब्दुल हामिद सिद्दकी साहब ने कुरान की इस आयत को नीचे दी हुयी हदीस के साथ जोड़ा है :
अनास से रिवायत है कि मुहम्मद साहब ने एक अभियान खैबर की तरफ रवाना किया. हमने सुबह की नमाज अदा की . मुहम्मद साहब और अबु ताल्हा घोड़े पर सवार हो गए. मैं ( अनास ) अबू ताल्हा के पीछे बैठा था. हम खैबर की तंग गलियों में घुस गए .जैसे ही वो निवास स्थान पर पहुंचे जो अल्लाह हु अबकर जोर बोला. खैबर तबाह हो चूका था .हम लोगों के मध्य में थे जिनको पहले सचेत किया जा चूका था. लोग जब दैनिक कर्म के लिए बाहर निकले तो पता चला कि मुहम्मद साहब ने अपनी सेना के साथ कब्ज़ा कर लिया है .मुहम्मद साहब ने कहा की खैबर की भूमि अब हमारे स्वामित्व में है हमने बलपूर्वक इसे ले लिया है . लोग अब युद्ध बंदी थे .
हदीस आगे कहती है कि दिह्या मुहम्मद साहब के पास आकर बोला कि अल्लाह के रसूल मुझे बंदियों की लड़कियों में से एक लड़की दे दीजिये. मुहम्मद साहब ने कहा कि जाओ और किसी को भी ले लो . उसने हुयायाय की लड़की साफिया को पसंद किया .
एक व्यक्ति ने मुहम्मद साहब के पास आकर कहा की आपने दिह्या को दे दिया वो केवल आपके लिए है . मुहम्मद साहब ने कहा की साफिया को दिह्या के साथ बुलाया जाए . मुहम्मद साहब के साफिया को देखकर कहा कि दिह्या कोई दूसरी लड़की ले लो और मुहम्मद साहब ने साफिया को मुक्त कर उससे निकाह कर कर लिया .
सहीह मुल्सिम की व्याख्या में अब्दुल हामिद सिद्दकी साहब लिखते हैं कि इस्लाम में युद्ध बंदियों को गुलाम बना के रखा जा सकता है. इन लोगों को फिरोती लेकर मुक्त किया जा सकता है.
घटना इस प्रकार है कि खैबर के लोगों को मुहम्मद साहब ने उनके द्वारा पोषित दीन अर्थात इस्लाम कबूल करने की राय दी थी और जब उन लोगों ने इस्लाम नहीं कबूला मुहम्मद साहब को आखिरी नबी मानने से इनकार कर दिया तो मुहम्मद साहब अपनी सेना लेकर उनके घरों में घुस गए और खैबर पर कब्ज़ा कर लिया . यह है इस्लाम के संस्थापक का शान्ति का पैगाम.
उपर्युक्त घटना के निम्न मुख्य पहलू हैं:
- मुहम्मद साहब ने खैबर के jews को इस्लाम कबूल करने के लिए परामर्श दिया और एक अवधि निर्धारित कर दी .
- निर्धारित अवधी में इस्लाम न कबूलने पर ये आयात उतार दी गयी की इस्लाम न कबूलने पर अज़ाब उतारा जायेगा (“फिर जब अजाब उनके आँगन में उतरेगा तो उन लोगों को की सजा बड़ी होगी जिन्हें डराया गया था “सुरा अल सफ्फात ३३ की आयात १७७
- जब खैबर के लोगों ने इस्लाम नहीं कबूला तो उन पर अचानक आक्रमण कर दिया गया और उन्हें संभलने का मौक़ा तक नहीं दिया गया
- औरतों को बंदी बना लिया गया और लुट के माल के तरह उनको भी बाँट लिया गया .
- खैबर की सम्पदा लूट ली गयी
इस्लाम के इतिहास की ये केवल एक घटना है. इतिहास में अनेकों ऐसी घटनायें हैं.
अपने मत से सहमत न होने पर किसी व्यक्ति या समूह या देश पर आक्रमण कर उसे तबाह कर देना सम्पदा को लूट लेना औरतों को लूट के माल की तरह बाँट लेना और इसको शान्ति का सन्देश करार देना कहाँ तक तर्कसंगत है ?
पाठक गण विचार करें !
Hey why don’t muslims attacking us now as in quran it is written to harm kuffar and polytheist..????????r they afraid or waiting for something?????
Dear Look around you…..
What is haappening in Kashmir
how many Hindue have fled from there.
look at situation of Kerala, Asam Bangal.
still u think they are not attacking us 🙂
Jo bhi ye baat likha hai bilkul galat baat hai jankari na ho to koi baat nahi bolni chahiye hame ak dusre ki majhab ki respact kar ni chahiye galat baat nahi likhana chahihye
imam zafar जी
हमें यह बतलाना जी क्या इस्लाम शान्ति को सिखाता है यह हमे जानकारी देना ? इस्लाम में ही बोला गया है काफीरो को मारो ? क्या यह शान्ति को सिखाता है यह बात समझ से बाहर है | बन्दुक के बल पर नमाज़ पढ़वाना मतलब इस्लाम कबुल करवाना यह सही है ? यदि कोई मोहतरमा किसी से प्यार करे तो उस मोहतरमा के साथ जिस्मानी सम्बन्ध बना लो चाहे वह उसे सही समझे या गलत ? कितना प्रमाण दू इस शान्ति की मजहब के बारे में ? प्रमाण देने लगा तो जिवन व्यतीत हो जायेगी फिर भी प्रमाण ख़तम ना हो पाएगी | अंधविश्वास को छोडो सत्य सनातन वैदिक धर्म की ओर लौटो | धन्यवाद |
अमित जी मैने आपसे पहले भी कहा है और अब भी कहूगा कि अधूरा ज्ञान हानिकारक होता है। ये आपकी काट छाट के ली गयी अधूरी आयते है। जो अपने आप मे बेवकूफी का प्रमाण है। मै बताता हू जिस तरीके से कुरान मे लिखा है कि (नमाज मत पढो ,जब तुम नशे की हालत मे हो।) अब अगर तुम इसमे से सिर्फ ये लाइन उठा लो (नमाज मत पढो) और मुस्लिमो को बदनाम करो। तो इसका मतलब कुरान मे कमी नही आप मे कमी है। और मेरे भाई आप बहुत गलत कर रहे हो कुरान पर आधी अधूरी बाते पढकर इल्जाम लगाये ही जा रहे हो। आप मुस्लिमो को कुछ भी कह सकते हो। मगर कुरान को नही। इसमे आपका ही फायदा है। नही तो अलूलाह के घर मे देर है अंधेर नही। फिर वो दिन भी दूर नही जब तुम पर बहुत सख्त अजाब आयेगा। तुम सोच भी नही सकते। भाई तौबा करो अल्लाह पाक से अभी भी वक्त है। बेसक अल्लाह माफ करने वाले है।
जनाब लगता है यहाँ भी आपका ज्ञान अधुरा है
कुरान कि आयतें किस तरह शराब बंदी को लेके नाजिल हुयी हैं वो अल्लाह कि कम समझ को ही दर्शाती हैं
शायद आपको इसका पता नहीं है
Sorry mafi chahuga galti se likha gaya vo allah hai
अमित जी मैने आपसे पहले भी कहा है और अब भी कहूगा कि अधूरा ज्ञान हानिकारक होता है। ये आपकी काट छाट के ली गयी अधूरी आयते है। जो अपने आप मे बेवकूफी का प्रमाण है। मै बताता हू जिस तरीके से कुरान मे लिखा है कि (नमाज मत पढो ,जब तुम नशे की हालत मे हो।) अब अगर तुम इसमे से सिर्फ ये लाइन उठा लो (नमाज मत पढो) और मुस्लिमो को बदनाम करो। तो इसका मतलब कुरान मे कमी नही आप मे कमी है। और मेरे भाई आप बहुत गलत कर रहे हो कुरान पर आधी अधूरी बाते पढकर इल्जाम लगाये ही जा रहे हो। आप मुस्लिमो को कुछ भी कह सकते हो। मगर कुरान को नही। इसमे आपका ही फायदा है। नही तो अल्लाह के घर मे देर है अंधेर नही। फिर वो दिन भी दूर नही जब तुम पर बहुत सख्त अजाब आयेगा। तुम सोच भी नही सकते। भाई तौबा करो अल्लाह पाक से अभी भी वक्त है। बेसक अल्लाह माफ करने वाले है।
जनाब लगता है यहाँ भी आपका ज्ञान अधुरा है
कुरान कि आयतें किस तरह शराब बंदी को लेके नाजिल हुयी हैं वो अल्लाह कि कम समझ को ही दर्शाती हैं
शायद आपको इसका पता नहीं है
Bhai logo esa h..me ek baat bta dun apne Muslim bhaii ko..ek Muslim pariwar50 Hindu k pariwar me raah skta h araam ki jindgi orr bhaii charee banker raah skta h…lekin ek Hindu pariwar 50 Muslim pariwar ki sath nhi raah skta ya to usse meeta diya jaega ya Islam me Jana padega….yahi schaai h Jo mene apni ankho se dekha h….Muslim log other dharma ko chahte hi nhi h..why mummad is not god he is terrorist person that who became maked a this types of dharma ..Muslim knows we are failers in every field no education bt he know we are the best terrorist….
heamnt जी
आपकी सब बातो से सहमत हु मगर इस बात से सहमत नहीं हु की he is terrorist person … और हां सभी मुस्लिम आतंकवादी नहीं होते कुछ अच्छे भी होते हैं जैसे कलाम साहब | और किसी भी मजहब के लोग का जो जिस मजहब को मानता है उसके उस मजहब के आदर्श व्यक्ति को terrorist person ना कहे | और इस तरह का terrorist person शब्द का इस्तेमाल ना करे | यह फेसबुक नहीं जहां गाली गलौज किया जाता है |