गुमराही अल्लाह
–कह निश्चय अल्लाह गुमराह करता है जिसको चाहता है और मार्ग दिखलाता है तर्फ अपनी उस मनुष्य को रुजू करता है।मं0 3। सि0 13। सू0 13।।आ0 27
समी0- जब अल्लाह गुमराह करता है तो खुदा और शैतान में क्या भेद हुआ ? जब कि शैतान दूसरों को गुमराह अर्थात् बहकाने से बुरा कहाता है तो खुदा भी वैसा ही काम करने से बुरा, शैतान क्यों नहीं ? और बहकाने के पाप से दोज़खी क्यों नहीं होना चाहिये ?
–इसी प्रकार उतारा हमने इस कुरान को अर्बी में जो पक्ष करेगा तू उनकी इच्छा का पीछे इसके आई तेरे पास विद्या से। बस सिवाय इसके नहीं कि ऊपर तेरे पैग़ाम पहुँचाना है और ऊपर हमारे है हिसाब लेना।। मं0 3। सि0 13। सू0 13। आ037। 40
समी0-कुरान किधर की ओर से उतारा ? क्या ख़ुदा ऊपर रहता है ? जो यहबात सच्च है तो वह एकदेशी होने से ईश्वर ही नहीं हो सकता,क्योंकि ईश्वर सब ठिकाने एकरस व्यापक है। पैग़ाम पहुंचाना हल्कारे का काम है और हल्कारे की आवश्यकता उसी को होती है जो मनुष्यवत् एकदेशी हो और हिसाब लेना-देना भी मनुष्य का काम है, ईश्वर का नहीं क्योंकि,वह सर्वज्ञ है | यह निश्चय होता हैकि किसी अल्पज्ञ मनुष्य का बनाया कुरान है |
–और किया सूर्य चन्द्र को सदैव फिरने वाले।। निश्चय आदमी अवश्यअन्याय और पाप करने वाला है।। मं0 3। सि0 13। सू0 14। आ0 33।34
समी0- क्या चन्द्र-सूर्य सदा फिरते और पृथिवी नहीं फिरती ? जो पृथिवी नहीं फिरे तो कई वर्षों का दिन रात होवे। और जो मनुष्य निश्चय अन्याय और पाप करने वाला है तो कुरान से शिक्षा करना व्यर्थ है, क्योंकि जिनका स्वभाव पाप ही करने का है तो उनमें पुण्यात्मा कभी न होगा और संसार में पुण्यात्मा और पापात्मा सदा दीखते हैं, इसलिये ऐसी बात ईश्वरकृत पुस्तक की नहीं हो सकती |
–बस ठीक करूं मैं उसको और फूंक दूं बीच उसके रूह अपनी से, बस गिर पड़ो वास्ते उसके सिजदा करते हुए।। कहा ऐ रब मेरे, इस कारण कि गुमराहकिया तूने मुझको, अवश्य जीनत दूंगा मैं वास्ते उनके बीच पृथिवी के, और गुमराह करूंगा।। मं0 3। सि0 14। सू0 15। आ0 29। 391
समी0 –जो खुदा ने अपनी रूह आदम साहेब में डाली तो वह भी खुदा हुआ और जो वह खुदा न था तो सिजदा अर्थात् नमस्कारादि भक्ति करने में अपना शरीक क्यों किया ? जब शैतान को गुमराह करने वाला खुदा ही है तो वह शैतान का भी शैतान बड़ा भाई गुरु क्यों नहीं ? क्योंकि तुम लोग बहकाने वाले को शैतानमानते हो तो खुदा ने भी शैतान को बहकाया और प्रत्यक्ष शैतान ने कहा कि मैं बहकाऊंगा फिर भी उसको दण्ड देकर क़ैद क्यों न किया ? और मार क्यों नडाला |