1. इह गाव: प्रजायध्वमिहाश्वा इह पूरुषा:।
इहो सहस्रदक्षिणोsपि पूषा नि षीदति ॥ अथर्व 20.127.12
हमारे यहां उत्तम गौएं पैदा हों, उत्तम ऊर्जा के साधन उपलब्ध हों . हमारे राष्ट्र में पौरुष सम्पन्न पुरुष पैदा हों. हमारे राष्ट्र में हज़ारों की संख्या में दानादि कर्म द्वारा समाज का पोषण करने वाले समृद्ध जन भी हों .
I pray that we are blessed with excellent cows to be born here. We should be blessed with excellent sources of energy. We should be blessed with courageous, virile and brave men in our society. We should be blessed with thousands of philanthropists to share their wealth and knowledge with the needy among us.
2. नेमा इन्द्र गावो रिषन् मो आसां गोप रीरिषत् ।
मासाममित्रयूर्जन इन्द्र मा स्तेन ईशत् ।। अथर्व 20.127.13
हमारे इस उत्तम शासित राष्ट्र में गौओं की हिंसा न हो. aaaगौओं की सेवा करने वालों का भी अहित न हो. गौओं का अमित्र- अहित चाहने वाला भी गौओं का बुरा न कर पाए, गौओं के उत्पादनों की चोरी करने वाले – मिलावट करने वाले भी न हों .
In our well governed nation, cows should never be harmed. Those who render good services to the cows should receive full encouragement and protection. Those that exploit the cows and produce adulterated milk and cow products should not be amongst us.
pandit ji bahut dhanyavad please is article ka bhi response like dijiye aapki bahut meherbani hogi
https://www.sabrangindia.in/article/there-no-holy-cow-vedas
http://aryamantavya.in/whether-beef-was-allowed-in-vedic-time/
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धन्यवाद