छली मुहम्मद
-आरै उस मनुष्य से अधिक पापी कौन है जो अल्लाह पर झूठ बाँध लेता है आरै कहता है कि मरेी ओर वही की गई परन्तु वही उसकी ओर नहीं की गई और जो
कहता है कि में भी उतारूंगा कि जैसे अल्लाह उतारता है । म0ं 2। सि0 7। स0ू 6। आ0 93
समी0-इस बात से सिद्ध होता है कि जब मुहम्मद साहेब कहते थे कि मेरे पास खुदा की ओर से आयतें आती हैं तब किसी दूसरे ने भी महुम्मद साहबे के तुल्य लीला रची होगी कि मेरे पास भी आयतें उतरती हैं, मुझको भी पैग़म्बर मानो। इसको हठाने और अपनी प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिये मुहम्मद साहेब ने यह उपाय किया होगा |
-अवश्य हमने तुमको उत्पन्न किया, फिर तुम्हारी सूरतें बनाई, फ़रिश्तों से’ कहा कि आदम को सिजदा करो, बस उन्होंने सिजदा किया,परन्तु शैतान सिजदा करने वालों में से न हुआ।। कहा जब मैने तुझे आज्ञा दी फिर किसने रोका कि तूने सिजदा न किया, कहा मैं उससे अच्छा हू,तूने मुझको को आग से आरै उसको मिट्टी से उत्पन्न किया।। कहा बस उसमें से उतर, यह तेरे योग्य नहीं है कि तू उसमें अभिमान करे।। कहा उस दिन तक ढील दे कि कबरों में से उठाये जावें।। कहा निश्चय तू ढील दिये गयों से है।। कहा बस इसकी कसम है कि तूने मुझको गुमराह किया, अवश्य मैं उनके लिये तेरे सीधे मार्ग पर बैठूंगा ।। और प्राय तू उनको धन्यवाद करने वाला न पावेगा।। कहा उससे दुर्दशा के साथ निकल, अवश्य जो कोई उनमें से तेरा पक्ष करेगा तुम सबसे दोज़ख को भरूंगा।। मं0 2। सि0 8। सू0 7। आ011- 183
समी0-अब ध्यान देकर सुनो खुदा और शैतान के झगड़े को। एक फरिश्ता जैसा कि चपरासी हो, था। वह भी खुदा से न दबा और खुदा उसके आत्मा को पवित्र न कर सका, फिर ऐसे बाग़ी को जो पापी बनाकर ग़दर करने वाला था उसको खुदा ने छोड़ दिया। खुदा की यह बडी़ भूल है शैतान तो सबको बहकाने वाला और खुदा शैतान को बहकाने वाला होने से यह सिद्धहोता है कि शैतान का भी शैतान खुदा है क्योंकि शैतान प्रत्यक्ष कहता है कि तूने मुझे गमुराह किया। इससे खुदा में पवित्रता भी नहीं पाई जाती और सब बुराइयों का चलाने वाला मूल कारण खुदा हुआ । ऐसा खुदा मुसलमानों का ही हो सकता है अन्य श्रेष्ठ विद्वानों का नहीं और फरिश्तों से मनुष्यवत वार्तालाप करने से देहधारी अल्पज्ञ न्याय रहित मुसलमानों का खुदा है इसी से विद्वान् लोग इस्लाम के मजहब को प्रसन्न नहीं करते |