बादल जो जमीन और आसमान के बीच में है।
आसमान की विस्तार पूर्वक व्याख्या करें।
देखिये कुरान में कहा गया है कि-
इन-न फी खल्किस्समावाति………।।
(कुरान मजीद पारा २ सूरा बकर रूकू २० आयत १६४)
बादल जो (खुदा के हुक्त से) आकाश और धरती के बीच में घिरे रहते हैं।
समीक्षा
हमारी निगाह में यह वाक्य गलत है अथवा खुदा अज्ञानी था क्योंकि जमीन के चारों ओर शून्य आकाश है, कहीं भी कोई ठोस पदार्थ आकाश नाम का नहीं है। जिसके ऊपर कोई हद मान ली जावे और जमीन व आसमान की दो हदों के बीच में बादलों को माना जावे। उचित होता यदि यह लिखा जाता कि-
‘‘धरती के ऊपर आकाश में बादल घिरे रहते हैं।’’
यह साधारण सी बात तो चौथे दर्जे का विद्यार्थी भी जानता है, पर कुरान लिखने वाला अरबी खुदा इतनी सी बात भी नहीं समझता था, घोर आश्चर्य की बात है।