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वेद विज्ञान के प्रचार-प्रसार में आकण्ठ डूबे एक हृदय रोग विशेषज्ञः डॉ. सतीश चन्द्र शर्मा

वेद विज्ञान के प्रचार-प्रसार में आकण्ठ डूबे एक हृदय रोग विशेषज्ञः डॉ. सतीश चन्द्र शर्मा M.B.B.S, M.S, M.CH. (कार्डियोवास्कुलर सर्जरी) F.I.G.S., F.I.C.C., F.I.A.S.

काडियोथोरेसिक व वास्मुलर सर्जन

अपने व्यावसायिक कार्य में अत्यधिक व्यस्तता होने पर भी कोई प्रतिष्ठित चिकित्सक वेद-विज्ञान के प्रचार-प्रसार के लिए इतना समर्पित हो सकता है, यह अपने आप में चकित करने वाला है। उनसे मेरा परिचय कई वर्ष पूर्व बेंगलूरु में एक वैदिक विद्वान् के नाते हुआ और वह समबन्ध निरन्तर बना हुआ है। उनसे सबन्धित संक्षिप्त सा विवरण पाठकों के लाभार्थ प्रस्तुत है।    – समपादक

 

संक्षिप्त परिचय

डॉ. शर्मा बैगलौर में 26 वर्ष से कार्यरत सीनियर हृदय सर्जन हैं। विगत 30 वर्षों में आपने देश के विभिन्न सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों में कार्य कर हजारों हृदय व वक्ष रोगियों को सर्जरी व स्वास्थ्य सेवायें प्रदान की हैं।

डॉ. शर्मा को M.B.B.S. डिग्री, सर्जरी में आर्नस के साथ (1978-79) तथा M.S. (जनरल  सर्जरी) (1982-83) से एस.एन. मेडीकल कॉलेज, आगरा विश्वविद्यालय, भारत के द्वारा समानित किया गया।

डॉ. शर्मा को M.CH..(कार्डियोवास्कुलर व थोरेसिक पोस्ट डोक्टोरल) डिग्री से 1986 में ‘‘पी.जी.आई. चण्डीगढ’’ संस्थान के द्वारा समानित किया गया।

1986 से 1988 तक डॉ. शर्मा ने ‘‘अपोलो अस्पताल चिन्नई’’ के हृदय सर्जरी विभाग में सर्जरी व स्वास्थ्य सेवायें प्रदान कीं।

1988 से 1989 तक ‘‘सैन्ट्रल इन्डिया इन्सटीट्यूट नागपुर’’ के हृदय सर्जरी विभाग को प्रारमभ किया तथा ओपन हार्ट सर्जरी सेवायें प्रारमभ की।

(1990-1995) में बैगलोर में वाई. डी. अस्पताल का हृदय सर्जरी विभाग प्रारम्भ किया व ओपन हार्ट सर्जरी प्रारम्भ की। अस्पताल के मेडीकल अधीक्षक भी रहे।

1996 में हृदय सर्जरी विभाग, सेन्ट विनसेन्ट अस्पताल पोर्टलैण्ड, यू.एस.ए. में विजिटिंग प्रोफेसर रहे तथा सर्जरी व स्वास्थ्य सेवायें प्रदान कीं।

1996 से वर्तमान समय तक बैगलौर में विभिन्न सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों में हृदय सर्जरी  व स्वास्थ्य सेवायें प्रदान कर रहे हैं।

डॉ. शर्मा ने पिछले 20 वर्षों में पूरे देश व विदेशों में हृदय व वक्ष रोग चैरिटी परामर्श शिविरों में सेवायें देकर हजारों रोगियों की सर्जरी की तथा स्वास्थ्य लाभ दिया।

राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय सभाओं में वक्तव्य दिये व निजी शोध कार्यों को राष्ट्रीय व अर्न्तराष्ट्रीय जनरलों में प्रकाशित किया।

कुछ निम्न पुरस्कारों से समानित किया गया

  1. रीव. एच. वैट्स फैलोशिप-हर्ट सर्जरी- 1994, 1 एक्ट के द्वारा
  2. स्टार-अहमद फैलोशिप-हर्ट सर्जरी-1995, पोर्टलैन्ड, अमेरीका
  3. ‘‘टैन आउट स्टैन्डिग यन्ग इन्डियन’’ अवार्ड-1995 मेडीकल इन्नोवेसन क्षेत्र में- जे.सी.भारत द्वारा
  4. ‘‘आउट स्टैडिंग परसन आफ वर्ल्ड’’ अवार्ड के 3 फायनलिस्ट में से एक चुने गये- जे.सी.इन्टरनेशनल शिकागो के द्वारा 1996

डॉ. शर्मा पिछले 40 वर्ष से आर्य समाज के पक्षधर हैं तथा 10 वर्ष से इन्द्रानगर आर्यसमाज बैंगलौर के ट्रस्टी हैं। पिछले 5-6 वर्ष से कार्यरत ‘‘विश्व वेद विज्ञान संस्थान’’ ट्रस्ट के संस्थापक व चैयरमैन हैं। इस ट्रस्ट का मुखय कार्य वैदिक ज्ञान-विज्ञान का सपूर्ण विश्व में प्रसार तथा शोध करना है। यज्ञ का मनुष्य, अन्य जीव व वातावरण पर प्रभाव को जानने के लिये दो विशाल यज्ञों में आधुनिक विज्ञान व मेडीकल साइन्स की सहायता से शोध किये गये। एक यज्ञ में गाय के शुद्ध घी की 6 करोड़ आहुतियाँ दी गयी थी तथा दूसरे सोमयज्ञ में 15 दिन तक शोध कार्य चला। शोध के परिणामों से हजारों डाटा लिये गये तथा विश्लेषण के बाद निश्चय किया गया कि यज्ञ के द्वारा वर्षा, वायुमण्डल शुद्धि, जीव स्वास्थ्यवर्धन तथा हानिकारक वैक्टीरिया कम हुये। डॉ. शर्मा ने वैदिक व आधुनिक ज्ञान-विज्ञान का समन्वय करके बहुत सारे अनुसन्धानपरक कार्य देश-विदेश में किये हैं।