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हदीस: औरत का दोजक्ख में होना क्यूंकि वह अपने शौहर का नाफ़रमानी करती है |

औरत का  दोजक्ख में होना क्यूंकि वह अपने शौहर का नाफ़रमानी करती है |

इस्लाम में यह बोला जाता है की औरत और पुरुष को एक समान अधिकार है | वह  उपभोग की वस्तु नहीं है | खैर यह हमें दिलासा के लिए बोला जाता है की औरत को एक समान अधिकार है | आज हम कुछ पहलु इस्लाम से जाहिर करते हैं जिससे यह मालुम हो जाएगा की औरत को इस्लाम में एक समान अधिकार नहीं बल्कि एक उपभोग की वस्तु है | कुरआन में भी यह बोला गया है की औरत को खेती समझो | चलिए ज्यादा बाते न बनाते हुए औरत की बारे में सहीह बुखारी हदीस से हम प्रमाण रख रहे हैं |

Saheeh bukhaari hadees  volume 1 book 2 : belief  hadees  number 28

Narrated Ibn Abbas :  The Prophet said : “ I was shown the hell-fire and that the majority of its dwellers were woman who were ungrateful.” It was asked. “do they  disbelieve in allah ? “ (or are they  ungrateful to allah ? ) he replied , “ They are ungrateful to their husbands and are ungrateful for the favors  and good (charitable deeds)  done to them . if you have always been good (benevolent)   to one of them and then she sees something  in you (not of her liking), she will say, ‘ I have never received any good from you.”

मुख़्तसर सहीह बुखारी हदीस जिल्द  1 बुक  2 इमान का बयान   हदीस संख्या  27

इब्ने अब्बास रजि. से रिवायत है, उन्होंने कहा , नबी सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया : मैंने दोजक्ख  में ज्यादातर औरतो को देखा (क्यूंकि) वह कुफ्र करती है | लोगो ने कहा : क्या वह अल्लाह का कुफ्र करती है ? आपने फरमाया : “ नहीं बल्कि वह अपने शौहर की नाफ़रमानी करती है  और एहसान फरामोश है , वह यूँ की अगर तू सारी उम्र औरत से अच्छा सलूक करे फिर वह (मामूली सी ना पसंद ) बात  तुझमे देखे तो कहने लगती है की  मुझे तुझ से कभी आराम नहीं मिला | “

 

ऊपर हमने हदीस से इंग्लिश और हिंदी में प्रमाण दिया है |

समीक्षा :  यह बात समझ में  नहीं आई की यदि कोई शौहर गलत काम करे  तो भी  उस औरत को उसकी  शौहर की बात को मानना पड़े  यदि वह  ना माने  तो  वह दोजख  जायेगी | यह कैसा इस्लाम में औरत  को समानता दी गयी है यह बात समझ से परे है | शौहर गलत ही क्यों ना हो उसका विरोध ना करो | शौहर का सब  बात को सही समझो | सभी बात को स्वीकार करो | क्या औरत खिलौना है ? क्या औरत के पास कोई अक्ल  नहीं है ? सब अक्ल पुरुष के पास है ?  यदि शौहर अपनी बीवी की बात ना माने तो वह कहाँ जाएगा ? वह शौहर दोजख क्यों नहीं जाएगा ? यह कैसा समानता औरत पुरुष में ?

 

यदि लेख में किसी तरह की त्रुटी हुयी हो तो आपके सुझाब सादर आमंत्रित हैं  |

धन्यवाद  |

 

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