हदीस : शारीरिक व्यापार

शारीरिक व्यापार

अब मुहम्मद हमें शौच-गृह ले चलते हैं। वे अपने अनुयायियों को मलमूत्र विसर्जन के समय ”किबला (यानी मक्का की मस्जिद) की तरह मुंह करने से मना करते हैं। साथ ही दाहिने हाथ से सफाई करने का या पत्थर के तीन टुकड़ों से कम इस्तेमाल करने“ का भी निषेध है (504)।

 

मलत्याग के बाद ”विषम बार“ सफाई जरूरी है और ”गोबर या हड्डी“ से सफाई नहीं करनी चाहिए (460)। इसकी बाबत एक किस्सा है। मुहम्मद ने एक बार एक रात जिन्नों के साथ गुजारी। वे उन्हें कुरान सुनाते रहे। जब जिन्नों ने उनसे अपने आहार के बारे में पूछा, तो मुहम्मद ने उन्हें बतलाया-”वह हर हड्डी जिसे अल्लाह का नाम सुनाया गया है, तुम्हारे लिए है। जैसे ही वह तुम्हारे हाथ लगेगी, उस पर गोश्त चढ़ जाएगा। और ऊंटों का गोबर तुम्हारे जानवरों का चारा है।“ इसीलिए उन्होंने अपने अनुयायियों से कहा-”इन चीजों से इस्तिन्जा मत करो, क्योंकि ये तुम्हारे भाइयों का आहार है“ (903)।

 

उन्होंने अपने अनुयायियों से यह भी कहा है-”जब तुममें से कोई शौचगृह में प्रविष्ट हो, तो उसे अपने लिंग को दाहिने हाथ से नहीं छूना चाहिए“ (512)।

 

आयशा हमें बतलाती हैं कि ”अल्लाह के रसूल को हर काम दाहिनी तरफ से शुरू करना प्रिय था, मसलन जूते पहनने में, कंघा करने में, और प्रक्षालन में“ (515)।

author : ram swarup

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