कुरान समीक्षा : पहाड़ उड़ते फिरेंगे

पहाड़ उड़ते फिरेंगे

पहाड़ों का उड़ाना दलील से साबित करें? यदि पहाड़ उडेंगे तो अरबी मुसलमानों का क्या हाल होगा वे भी उड़ेंगे या नहीं? पहाड़ गिर पड़े तो कुरान उनका क्या हाल होगा?

देखिये कुरान में कहा गया है कि-

व त-रल् जिब्बा-ल तह्-सबुहा…………

(कुरान मजीद पारा १९ सूरा नम्ल रूकू ७ आयत ८८)

और तू पहाड़ों को देखकर ख्याल करता है कि जमे हुए हैं। मगर यह (कयामत के दिन) बादल की तरह उड़ें -उड़ें फिरेंगे।

समीक्षा

पहाड़ जमीन के अन्दर मीलों गहरे घुसे हैं, वें अन्दर से ऊपर को उभरते रहते हैं। अरबों खबरों टन वजनी पहाड़ हवा में उड़मे फिरेंगे (जैसे रूई या पतंग उड़ती है) यह बात बच्चों को बहलाने जैसी है। कोई भी थोड़ी सी अक्ल रखने वाला व्यक्ति इसे नहीं मान सकता है। यदि पहाड़ हवा में उड़ेंगे तो फिर अरब के मुसलमान उनके बीबी बच्चे, बरतन मकान या उनकी मस्जिदें भी क्यों न उड़ जावेंगे? वे तो बहुत हल्के होते हैं।

अगर कोई पहाड़ उड़ कर कहीं काबे पर गिर पड़ा तो वहाँ क्या हशर होगा? अरबी खुदा की किताब कुरान की बातें वास्तव में सच्चाई से दूर एवं मनोरंजक मात्र हैं।

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