हदीस : मृतकों के लिए प्रार्थनाएं

मृतकों के लिए प्रार्थनाएं

मृतकों के लिए और मर रहे लोगों के लिए भी प्रार्थनायें हैं। मर रहे लोगों को थोड़ी पंथमीमांसा समझाना जरूरी है। मुहम्म्द कहते हैं-“जो मर रहे हों, उन्हें यह जपने की प्रेरणा दो कि अल्लाह के सिवाय कोई और आराध्य नहीं“ (1996)।

 

जब किसी बीमार या मृतक के पास जाओ, नेकी की याचना करो, क्योंकि जो भी तुम कहते हो, उसके लिए ”फरिश्ते आमीन कह सकते हैं।“ उम्म सलमा का कथन है-”जब अबू सलमा करे, मैं पैगम्बर के पास गई और बोली-रसूल अल्लाह ! अबू सलमा मर गये। उन्होंने मुझे यह उच्चारित करने के लिए कहा-ऐ अल्लाह ! मुझे और उन्हें (अबू सलमा को) माफ कर और मुझे उनके बदले में बेहतर दे। सो मैंने यही कहा, और बदले में अल्लाह ने मुझे मुहम्मद दिये, जो मेरे वास्ते उनसे (अबू सलमा से) बेहतर हैं“ (2002)।

 

उम्म सलमा अबू सलमा की बेवा थीं। अबू सलमा से उन्हें कई संतानें हुई। अबू सलमा उहुद में मारे गए और चार महीने बाद मुहम्मद ने उम्म सलमा से शादी कर ली।

author : ram swarup

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