Adhyay : 9 Mantra : 86 Back to listings भर्तुः शरीरशुश्रूषां धर्मकार्यं च नैत्यकम् । स्वा चैव कुर्यात्सर्वेषां नास्वजातिः कथं चन । Leave a comment सन्तानहीन पुत्र के धन को माता प्राप्त करे और माता मर गयी हो ते पिता की माता अर्थात् दादी उसके धन को ले ले। Related