यदि कोई पिता गहने रखे किसी द्वारा छीने हुए या मारे हुए अत दायरूप में अप्राप्त पैतृक धन को जो किसी उपाय से प्राप्त कर ले तो सम्मिलित रहते हुए भी यदि वह न चाहे तो अपने श्रम से प्राप्त उस धन को सब अपने पुत्रों में अथवा पिता के पुत्रों अर्थात् भाइयों में न बांटे ।