इयं भूमिर्हि भूतानां शाश्वती योनिरुच्यते । न च योनिगुणान्कांश्चिद्बीजं पुष्यति पुष्टिषु ।

(कुमारी + ऋतुमती सती) कन्या रजस्वला हुए पीछे (त्रीणि वर्षाणि + उदीक्षेत + एतस्मात् कालात् + ऊर्ध्वम्) तीन वर्ष पर्यन्त पति की खोज करके (सदृशं पतिं विन्देत) अपने तुल्य पति को प्राप्त होवे । (स. प्र. 4 समु.)

“जब कन्या विवाह करने की इच्छा करे तब रजस्वला होने के दिन से तीन वर्ष छोड़के चौथे वर्ष में विवाह करे । ” (सं. वि. विवाह संस्कार)

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