भृत्यानां च भृतिं विद्याद्भाषाश्च विविधा नृणाम् । द्रव्याणां स्थानयोगांश्च क्रयविक्रयं एव च

नौकरों के वेतन, विविध देशों में रहने वाले लोगों की विभिन्न भाषाएँ, वस्तुओं के प्राप्तिस्थान तथा मिश्रण आदि की विधियाँ और खरीद-बिक्री की विधि, इसको जानें ।

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