Adhyay : 9 Mantra : 328 Back to listings न च वैश्यस्य कामः स्यान्न रक्षेयं पशूनिति । वैश्ये चेच्छति नान्येन रक्षितव्याः कथं चन । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related