राजा पूर्वोक्त प्रकार से आचरण करता हुआ सदा राजधर्मों में स्वयं संलग्न रहकर सभी राजकर्मचारियों को भी प्रजाओं के हित-सम्पादन में लगाये ।
राजा पूर्वोक्त प्रकार से आचरण करता हुआ सदा राजधर्मों में स्वयं संलग्न रहकर सभी राजकर्मचारियों को भी प्रजाओं के हित-सम्पादन में लगाये ।