Adhyay : 9 Mantra : 323 Back to listings दत्त्वा धनं तु विप्रेभ्यः सर्वदण्डसमुत्थितम् । पुत्रे राज्यं समासृज्य कुर्वीत प्रायणं रणे । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related