परिपूर्णं यथा चन्द्रं दृष्ट्वा हृष्यन्ति मानवाः । तथा प्रकृतयो यस्मिन्स चान्द्रव्रतिको नृपः

(यथा) जिस प्रकार पूर्ण चन्द्रमा को देखकर मनुष्य प्रसन्न होते है (तथा) उसी प्रकार जिस राजा को पाकर-देखकर प्रजाएं हर्षित अनुभव करें वह राजा ’चन्द्रवत’ वाला है ।

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