अग्निदान्भक्तदांश्चैव तथा शस्त्रावकाशदान् । संनिधातॄंश्च मोषस्य हन्याच्चौरं इवेश्वरः

(ईश्वरः) राजा चोरों को अग्नि, भोजन,शस्त्र, स्थान देने वाले और चोरी के माल को रखने वाले लोगों को भी चोर की तरह ही दण्डित करे ।

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