Adhyay : 9 Mantra : 262 Back to listings तेषां दोषानभिख्याप्य स्वे स्वे कर्मणि तत्त्वतः । कुर्वीत शासनं राजा सम्यक्सारापराधतः Leave a comment राजा जो जो उन्होने बुरा काम किया है भलीभांति उनके दोषों की घोषणा करके बल और अपराध के अनुसार न्यायोचित दण्ड से दण्डित करे । Related